वो अनोखा गांव, जहां आज भी है ‘पांचाली विवाह’ का प्रचलन


भारत में आज भी कई के अल्पसंख्यक समुदाय बहुपतित्व की प्राचीन हिंदू परंपरा का पालन कर रहे हैं, जो कभी भारत में व्यापक रूप से प्रचलित थी. पुरुष प्रधान क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के आमतौर पर एक से अधिक पति होते हैं. ऐसा माना जाता है कि भाईचारे की बहुपति प्रथा लोकप्रिय संस्कृत महाकाव्य ‘महाभारत’ से उत्पन्न हुई, जिसमें पंच के राजा की बेटी द्रौपदी ने अपने पांच भाइयों से ‘पांचाली विवाह’ विवाह किया था. ये भी माना जाता है कि ये प्रथा परिवार में खेत रखने का एक तरीका है. आधुनिकता की प्रगति ने अधिकांश क्षेत्रों में इस प्राचीन प्रथा को काफ़ी हद तक समाप्त कर दिया है, लेकिन भारत, चीन और तिब्बत समेत कुछ देशों में महिलाओं की कमी ने इस परंपरा को पत्नी खोजने में आने वाली कठिनाइयों के समाधान के रूप में जीवित रखा है.

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