शादी में अग्नि को नहीं पानी को साक्षी मानकर लिए जाते हैं फेरे
हमारे देश (India) में विभिन्न संस्कृति, प्रथाओं, कलाओं, धर्म, भाषा के लोग हैं. यही वजह है कि यहां के अलग़-अलग़ हिस्से की परंपराएं आपको एक-दूसरे से बिल्कुल जुदा दिखेंगी. यही हाल शादियों का भी है. शादियों के दौरान भी आपको देश के कोने-कोने में बिल्कुल अलग़ परंपराएं और रस्में दिखेंगी. हालांकि, ज़्यादातर जगहों पर हमने कपल्स को अग्नि को साक्षी मानते हुए शादी की रस्में पूरी करते हुए देखा है.
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