गाँव क्यूँ याद आता है हमें परदेश जाने पर 😢


चाहे हम जितना भी पैसे कमा ले शहर मे रह के अंत मे हमे अपना गाँव ही नजर आता हैं गाँव की वो गलियां जहाँ से हम रोज गुजरते है, गाँव के वो लोग चाहे लड़ाई झगड़ा ही करता हो पर उसी मे प्यार होता है, चाहे एक दूसरे की चुगली ही करता हो उसी मे प्यार होता है, जब हम गाँव मे रहते है, जब ज्यादा दिन हम गाँव मे रहते है तो हम परेशान हो जाते है इस बात से रोज का लड़ाई झगड़ा, चुगली करना, लेकिन जब हम ईसी गाँव को छोड़ कर परदेश जाते है तब हमारे आँखों मे आसु तक आ जाते है, जहाँ हमारा जन्म हुआ उस धरती को छोड़ के जाना , बचपन बीते उस गली को छोड़ना, बड़ा ही दर्द होता है, जितना हमे गर्ल friend को छोड़ने मे दर्द नही होता है, 

लेखक - R Sonu Official, 
पता - भागलपुर बिहार

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