200 साल पुराना 🔥 रहस्यमयी जिछो नदी का इतिहास Bhagalpur Bihar
बिहार के भागलपुर जिले में गोराडीह सड़क के किनारे बसे जिच्छो पोखर जो की एक प्राचीन पोखर है, यह पोखर करीब 200 साल पुराना है, लोगो मे इस पोखर को लिए एक बहुत बड़ी धार्मिक स्थल
है, कहने मे वैसे तो ये पोखर है लेकिन इसकी मान्यता एक गंगा से भी बढ़कर दिया गया है, और तब से ही इसकी मान्यता बहुत बड़ी है, लोगो मे इस पोखर को लेकर एक अटूट विश्वास बना हुआ है, इस पोखर को जिच्छो मैया नाम दिया गया है, और भक्तो का कहना है की इस पोखर से लोगो का जो भी मन्नत होता है, जिच्छो मैया उनके मन्नत को जरूर पूरा करते है, सभी भक्तो की जो जिसकी जैसे मन्नत होता है वैसे ही मांगते है, और मन्नत पूरा होने के बाद भक्त वापस चढ़ावे के साथ पोखर पर आते है, और जिच्छो मैया को
पूरी शरधा के साथ चढ़ावा चढ़ाते है, 200 साल पहले की बात करे तो, यहाँ पर जिच्छो पोखर के सिवाय और कुछ नही था, सिर्फ पोखर ही हुआ करता था, लेकिन जैसे जैसे लोगो मे शरधा भाव बढ़ता गया वैसे ही पोखर के आस पास सुविधाएं होती गई, चलिए
जानते है आज के समय मे इस पोखर के आस पास क्या क्या सुविधाएं है, इस पोखर के पास एक दुर्गा मंदिर है जो की हाल ही मे यहाँ के लोगो ने मिलकर बनाया है दशहरा और चैती दुर्गा इस मंदिर मे माँ दुर्गा प्रतिमा स्थापित किया जाता है, और यहाँ पर दशहरा के दस दिन तक चहल पहल होती है, मान्यता के अनुसार इसी जिच्छो पोखर के किनारे जिच्छो मैया का एक मंदिर बना दिया गया है और जिच्छो मैया का एक प्रतिमा भी स्थापित किया गया है, उसी की पास मे एक और पूजा स्थल है ,उस स्थल का नाम पद्दु बाबा के नाम है, पास में ही एक बैर का पेड़ है लोगो मे इस पेड़ के लिए भी काफी शरधा है, यह पोखर देखने मे काफी ही सुंदर है, सड़क के किनारे बसे इस पोखर की सुंदरता और भी बढ़ जाती है, इस जिच्छो पोखर की जैसे जैसे मान्यता बढ़ती गई वैसे है इस पोखर का देख रेख भी बढ़ता गया, यहाँ पर आपको यहाँ पर पूजा पाठ करने से पहले एक रशीद लेनी होती है, इस रशीद से जितने भीं पैसे होते है उस मंदिर और पोखर के कामो मे लगाया जाता हैं,
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